'गेहूँ की खेती' के लिए आवश्यक भौगोलिक परिस्थितियाँ तथा प्रमुख उत्पादक देश | Gehu Ki Kheti

गेहूँ (Wheat) एक बहुत ही महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है। इस लेख में आपको Gehu Ki Kheti से सम्बंधित बेसिक सवालों जैसे Gehu Ki Kheti के लिए उपयुक्त जलवायु, तापमान, जल, मृदा और मानवीय श्रम क्या है? तथा गेहूँ के उत्पादन का वैश्विक प्रतिरूप क्या है? आदि के जबाव मिल जाएंगे। 


Gehu Ki Kheti

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Gehu Ki Kheti  के लिए आवश्यक भौगोलिक परिस्थितियाँ 

गेहूं उत्तरी गोलार्ध में 30° से 60° अक्षांश तक और दक्षिणी गोलार्द्ध में 20° से 40° अक्षांश तक उगाया जाता है। Gehu Ki Kheti के लिए अन्य भौगोलिक दशाएँ निम्नलिखित है -

1. तापमान और नमी 

गेहूँ मुख्यतः समशीतोष्ण कटिबंधीय जलवायु का पौधा है। इसके प्रधान क्षेत्र उपार्द्र और अर्ध-शुष्क तथा सिंचाई या शुष्क कृषि की दशाओं में शुष्क भागों में पड़ते हैं। बीज बोने, अंकुरण और प्रारंभिक विकासकाल में औसत तापमान 10℃ से 15℃ और पकने की समय 20℃ से 27℃ तापमान उपयोगी होता है। विकास की अवस्था में शीतल मौसम और नम मिट्टी की दशा में पौधा अधिक मजबूत होता है परंतु तेज धूप और तापमान बढ़ जाने पर पौधे के समुचित विकास में बाधा पड़ती है। पकने की समय उन्मुक्त आकाश, क्रमिक गति से पौधे का बढ़ना, अपेक्षाकृत उच्च तापमान, शुष्क व साधारण गति की हवा अधिक उपयोगी होते हैं। 


2. वर्षा 

गेहूं की फसल के लिए उन क्षेत्रों को आदर्श माना जाता है, जहां 50 से 75 सेंटीमीटर औसत वर्षा होती है। अधिक वर्षा का जल गेहूँ की फसल के लिए हानिकारक होता है। कम वर्षा होने पर सिंचाई की आवश्यकता होती है। 


3. मिट्टी 

जलवायु अनुकूल होने की दशा में गेहूं कई प्रकार की मिट्टियों में बोया जाता है परंतु उपजाऊ भुरभुरी मिट्टी इसके लिए अधिक उपयोगी होती है। महीन काँप मिट्टी, चीका प्रधान दोमट मिट्टी में भी गेहूं उत्पादित किया जाता है। भारी चीका तथा बारीक रेतीली मिट्टी में भी गेहूं उगाया जाता है। अधिक अम्लयुक्त या अधिक रुखड़ी मिट्टी इसके लिए अपेक्षित होती है। शीतोष्ण घास के मैदानों में चरनोजम या काली मिट्टी, जिसमें घासों से प्राप्त जीवाश्मों की अधिकता के कारण प्राकृतिक उर्वरता अधिक होती है, अधिक उपयुक्त होती है। खाद के उपयोग तथा वैज्ञानिक कृषि के कारण गेहूँ की प्रति हेक्टेयर उपज विश्व में सर्वाधिक है। 


4. धरातल 

गेहूं के लिए साधारणतः अच्छी तरह से तैयार किया गया समतल अथवा अत्यंत साधारण ढालू खेत प्रयुक्त होता है, जिसमें सुप्रवाह के अतिरिक्त हलों या यंत्रों से जुताई, कटाई इत्यादि सरलता से संभव हो सके। उपयुक्त घनी मिट्टी होने पर अपेक्षाकृत अधिक उतार-चढ़ाव वाले धरातल में भी गेहूं की कृषि की जाती है। 


5. पूंजी उर्वरक एवं अन्य तत्व 

चावल की अपेक्षा गेहूं का उत्पादन करने में कम मानव श्रम की आवश्यकता होती है। कई देशों में बड़े पैमाने पर यंत्रों का उपयोग किया जाने लगा है। ट्रैक्टरों और कम्बाइनों द्वारा साथ-साथ कटाई व जुताई की जाने लगी है। इसमें यंत्रों को खरीदने के लिए अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है और इसके लिए बड़े फार्मों की भी आवश्यकता होती है। उर्वरकों व दवाइयों को खरीदने के लिए भी पूँजी की आवश्यकता होती है। 



गेहूं की बुवाई का सही समय क्या है?

बुवाई के अनुसार गेहूं दो काल में होता है - 

  1. शीतकालीन गेहूं 
  2. बसंतकालीन गेहूं
 

शीतकालीन गेहूँ, जाड़े के आरंभ में बोया जाता है और ग्रीष्म के आरंभ में काट लिया जाता है। जलवायु की आर्द्रता के प्रभाव से इसके दो प्रकार होते हैं -

A. अपेक्षाकृत शुष्क प्रदेशों में उगने वाला शीतकालीन गेहूँ अच्छे किस्म का होता है, जिसकी रोटी अच्छी होती है तथा खूब फूलती है। 

B. अपेक्षाकृत आर्द्र प्रदेशों में उगाया जाने वाला गेहूं नरम और मंडमय होता है। शीतकालीन गेहूँ के उत्पादन में प्रादेशिक भिन्नता पाई जाती है। 


गेहूँ की खेती के प्रकार 

विश्व में गेहूं की खेती के पांच प्रकार माने जाते हैं - 

  1. व्यावसायिक अन्नोत्पादन 
  2. व्यावसायिक अन्नोत्पादन एवं पशुपालन 
  3. व्यावसायिक अन्न-सब्जी उत्पादन तथा गौण उत्पादन
  4. गहन शुष्क कृषि 
  5. सहन सिंचित कृषि 


गेहूँ की जातियाँ 

आकृति, स्वभाव, रंग इत्यादि के आधार पर गेहूँ की कई जातियाँ हैं परन्तु व्यावसायिक रूप से 5 जातियाँ प्रमुख हैं -

  1. सख्त, लाल बसंत ऋतु का गेहूँ 
  2. सख्त, लाल शीतकाल का गेहूँ 
  3. मुलायम, लाल शीतकाल का गेहूँ 
  4. डरुम
  5. सफ़ेद गेहूँ 


विश्व में गेहूँ का उत्पादन एवं वितरण 

1. चीन  

चीन विश्व का सबसे बड़ा गेहूँ उत्पादक देश है। जो विश्व के कुल गेहूं का लगभग 20% तथा एशिया के कुल गेहूं उत्पादन का 40% उत्पादित करता है। यहाँ मुख्य रूप से ह्वांगहो और उसकी सहायक नदियों द्वारा निर्मित मैदान में, पश्चिमी चीन के लोयस मैदान में, मंचूरिया व मंगोलिया के सीमावर्ती भागों में तथा यांग्टीसीकियांग नदी द्वारा निर्मित मैदान में गेहूँ का उत्पादन किया जाता है। 


2. भारत 

गेहूँ उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। यहाँ गेहूँ का उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र है। 


3. अमेरिका 

गेहूं उत्पादन में अमेरिका का चौथा स्थान है। यहां बड़े-बड़े कृषि फार्मों में यांत्रिक विधि से गेहूं का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है। यहां बसंतकालीन सख्त लाल गेहूं का विस्तार क्षेत्र उत्तर में कनाडा के अल्बर्टा से संयुक्त राज्य के वायोमिंग राज्य तक, पूर्व में मिनसोटा से पश्चिम में मोंटाना राज्य तक है। प्रेयरी मैदान में भी यह उगाया जाता है। 


4. फ्रांस 

विश्व का पांचवाँ वृहत्तम गेहूं उत्पादक देश है। यहां प्रमुख रूप से पेरिस बेसिन, पिकार्डी, नारमंडी और लवायर नदी की निचली घाटी में गेहूँ का उत्पादन किया जाता है। 


5. रूस 

पहले रूस विश्व में सर्वाधिक गेहूँ उत्पादित करने वाला देश था। परंतु सोवियत संघ के विघटन के बाद यह विश्व का तीसरा बड़ा उत्पादक देश हो गया है। यहाँ की चरनोजम मृदा गेहूं के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। यूक्रेन यहाँ का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक क्षेत्र है। 


FAQs

1. Gehu Ki Kheti Ke Liye Adarsh Tapman Kitna Hona Chahie?

Ans. गेहूँ के प्रारंभिक विकासकाल में औसत तापमान 10℃ से 15℃ और पकने की समय 20℃ से 27℃ तापमान उपयोगी होता है।


2. Gehu Ki Kheti Sabse Jyada Kaha Hoti Hai?

Ans. चीन विश्व का सबसे बड़ा गेहूँ उत्पादक देश है। 


3. गेहूं की खेती कौन से महीने में की जाती है?

Ans. अक्टूबर-नवंबर महीने में गेहूँ की बुआई की जाती है। 


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