कहवा (कॉफी) की खेती: भौगोलिक दशाएँ, प्रकार तथा इसका विश्व वितरण | Coffee Ki Kheti

इस लेख में Coffee Ki Kheti के बारे में जानकारी दी गई है। कॉफी एक बहुत ही महत्वपूर्ण पेय पदार्थ है जिसका विश्वभर में उपभोग किया जाता है। इस लेख में हम जानेंगे की Coffee Ki Kheti के लिए कौन-कौन सी भौगोलिक दशाएँ आवश्यक है? और साथ ही यह भी जानेंगे की कॉफ़ी की कौन-कौन सी किस्में होती है?


Coffee Ki Kheti


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Coffee Ki Kheti का संक्षिप्त इतिहास 

कॉफी जिसे 'कहवा' भी कहा जाता है के पौधे सर्वप्रथम अफ्रीका के पूर्वी भाग में अबीसीनिया पठार पर वन्य रूप में उगते पाए गए थे। वहां के स्थानीय लोगों द्वारा इन पौधों का उपयोग किया जाता था। अरब के व्यापारियों ने यहां से पौधों को ले जाकर अरब के दक्षिण-पश्चिम में यमन प्रदेश में लगाया, जहां इनका अच्छा विस्तार हुआ। धीरे-धीरे अरब व्यापारियों तथा हज यात्रियों द्वारा इसका दूसरे भागों में प्रचार-प्रसार किया गया। लगभग 1500 ई. में यह पौधा विश्व के अन्य भागों में पहुंचा। पुर्तगालियों के माध्यम से यह पौधा लैटिन अमेरिका पहुंचा। 17वीं सदी में यूरोपीय देशों में चाय व तंबाकू के साथ-साथ के कहवा का भी प्रचार हुआ। इधर भारत में भी मुसलमानों ने पश्चिमी समुद्र तटीय भागों के दक्षिणी क्षेत्र में कहवा कि कृषि को बढ़ावा दिया। 


Coffee Ki Kheti के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ 

कहवा उष्णकटिबंधीय जलवायु का सदाबहार पौधा माना जाता है। इसके लिए निम्नलिखित दशाओं का होना आवश्यक माना जाता है - 

1. तापमान 

कहवा की फसल के लिए औसत तापमान 21℃ उत्तम माना जाता है। इसके लिए न्यूनतम तापमान 17℃ और अधिकतम तापमान 32℃ तक होना उपयोगी होता है। सीधी और अधिक तेज धूप कहवा के लिए हानिकारक होती है। यही कारण है कि इसके निकट सिनकोना, रबर और केला जैसे छायादार वृक्षों को लगाया जाता है। दक्षिण-पूर्वी अफ्रीका के तटीय भागों में दोपहर के समय जो धुंध छा जाती है उससे स्वतः ही कहवा के पौधों को सुरक्षा प्राप्त हो जाती है। 


2. मृदा 

कहवा की फसल के लिए उर्वर और जल से सिंचित व ढलवां भूमि की आवश्यकता होती है। गहरी उपजाऊ मिट्टी, जिसमें लोहे और वनस्पति का अंश होता है, उपयोगी मानी जाती है। प्रायः वन्य क्षेत्र को साफ करके प्राप्त की गई भूमि और लावायुक्त मिट्टी को कहवा की फसल के लिए अनुकूल माना जाता है। ब्राजील, कोलंबिया, मेक्सिको, आइवरी कोस्ट, जावा इत्यादि की मिट्टियाँ कहवा की फसल के लिए अधिक उपयुक्त मानी जाती है। 


3. वर्षा 

कहवा की फसल के लिए अधिक जल की आवश्यकता होती है। अतः इसके लिए 150 से 250 cm तक वर्षा को आवश्यक माना जाता है। जिन क्षेत्रों में कम वर्षा होती है, वहां कहवा की फसल के लिए सिंचाई की आवश्यकता होती है। परंतु जिन भागों में अधिक वर्षा होती है, वहां जल के निकास की सुविधा का होना आवश्यक माना जाता है। ताजी व उत्तम हवा कहवा की फसल के लिए लाभदायक होती है। कहवा के पौधों की जड़ों में पानी का रुकना हानिकारक होता है। पौधों में फूल निकलते समय वर्षा होना कहवा की फसल के लिए हानिकारक होता है। 


4. श्रम 

कहवा की कृषि हेतु सस्ते श्रम की आवश्यकता होती है। सस्ते परिवहन साधन इसके लिए अत्यावश्यक होते हैं। कहवे के पौधों से वर्ष में प्रायः तीन बार कहवे की चुनाई का काम होता है, इसके पौधों को बौने व उनका पोषण करने हेतु सस्ते श्रमिकों की आवश्यकता होती है। कहवे का वृक्ष 5 से 7 वर्ष की अवधि के मध्य फल देने लग जाता है। इसके वृक्ष को 2 से 4 मीटर तक बढ़ने दिया जाता है, जिससे भूमि से इसके फलों को तोड़ा जा सके। कॉफी बीटल नामक कीड़ा कहवे का शत्रु होता है। अतः इससे बचाव के लिए रासायनिक घोल व कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। 


कहवा/कॉफी की किस्में - Varieties of Kahwa/Coffee in Hindi 

कहवा की 20 से 22 प्रकार की किस्में पाई जाती हैं, परन्तु व्यापारिक दृष्टि से इनमें से 3 किस्में सबसे महत्वपूर्ण है -
  • कॉफिया अरेबिका (Coffea Arabica)
  • कॉफिया रोबस्टा (Coffea Robusta)
  • कॉफिया लाइबीरिका (Coffea Liberica)


विश्व में कहवा उत्पादक प्रमुख देश

1. ब्राजील 

ब्राजील विश्व का सबसे बड़ा कहवा उत्पादक देश है, जो विश्व के कुल कहवा का 40% भाग उत्पादित करता है। यहां के प्रत्येक राज्य में कहवा का उत्पादन किया जाता है परंतु साओपोलो राज्य में कहवा का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। यहां के कहवा उद्यानों को 'फैजेंडा' के नाम से जाना जाता है। 


2. वियतनाम 

वियतनाम भी विश्व का एक महत्वपूर्ण कहवा उत्पादक देश है। वर्ष 1999 से वियतनाम विश्व का दूसरा बड़ा कहवा उत्पादक देश है। यहां मुख्य रूप से अरेबिका तथा रोबस्टा किस्म के कहवे का उत्पादन किया जाता है। दक्षिणी वियतनाम के की मध्य उच्च भूमि रोबस्टा कॉफी के उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र है। 


3. इंडोनेशिया 

इसे विश्व का चौथा बड़ा कॉफी उत्पादक देश माना जाता है। यहां विशेष रूप से जावा में कहवा की कृषि की जाती है। 


4. भारत 

भारत भी विश्व का एक महत्वपूर्ण कहवा उत्पादक देश है। भारत में सर्वप्रथम कर्नाटक में कहवा का उत्पादन आरंभ हुआ था। यहां बाबाबूदन की पहाड़ी पर कहवा का उत्पादन किया जाता है। भारत विश्व के कुल कहवा उत्पादन का 4% उत्पादित करता है। कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु देश के प्रमुख कहवा उत्पादक राज्य है। 


FAQs 

1. India Mein Coffee Ki Kheti Kahan Hoti Hai?

Ans. भारत में कॉफी कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु आदि राज्यों में उगाई जाती है। 


2. कॉफी की फसल कब उगाई जाती है?

Ans. फरवरी तथा मार्च के महीने कॉफ़ी की फसल बोने के लिए सबसे उपयुक्त होते है। 


3. कॉफी की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?

Ans. अरेबिका


4. कॉफी में नंबर 1 कौन सा देश है?

Ans. ब्राज़ील


5. भारत में कॉफी किस मिट्टी में उगाई जाती है?

Ans. लेटराइट मृदा में 


6. कॉफी का वैज्ञानिक नाम क्या है?

Ans. कॉफिया अरेबिका (Coffea arabica)


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