मानव भूगोल के इस लेख में हम विश्व की प्रमुख जनजातियों में से एक 'Eskimo Janjati' (Eskimo Tribe in Hindi) के बारे में जानेंगे। इस लेख में Eskimo Janjati के बारे में पूरे विस्तार से जानकारी दी गई है।
'Eskimo' का क्या अर्थ है?
Eskimo Janjati का निवास क्षेत्र - Eskimo Tribe Habitat
एस्किमो लोग कनाडा की उत्तरी तट पर बेफिन द्वीप के चारों ओर तथा ग्रीनलैंड में 65° और 70° उत्तरी अक्षांशों के बीच की पेटी में निवास करते हैं। इस समस्त प्रदेश में जाड़े की ऋतु बहुत लंबी होती है तथा गर्मी का मौसम छोटा होता है। वर्ष में 9 महीने शीत ऋतु रहती है और केवल 3 महीने की छोटे समय में अन्य ऋतु जैसे बसंत, गर्मी तथा पतझड़ का चक्र पूरा हो जाता है। वार्षिक औसत तापमान 0℃ से नीचे रहता है। जाड़ों में जनवरी का औसत तापमान आर्कटिक द्वीप समूह में 0℃ से नीचे -46℃ तथा तटीय भागों में -34℃ से -36℃ तक नीचे चला जाता है। जाड़ें के महीने लंबे होने के साथ-साथ जाड़ों के दिनों में बर्फ की आंधियां भी चलती है। अतः यहाँ की हवा हमेशा आर्द्र होती है।
एस्किमो के निवास क्षेत्र की वनस्पति
अत्यधिक कठोर जलवायु के कारण यहां वनस्पति उत्पन्न नहीं हो पाती है। केवल गर्मी के मौसम में शैवाल, काई और लाइकेंस आदि रंग-बिरंगे फूलों की घासें तथा छोटी-छोटी झाड़ियां उग आती हैं। गर्मी का मौसम अचानक समाप्त होने पर पुनः बर्फ की वर्षा होने लगती है और भूमि पर सभी जगह बर्फ की चादर बिछी जाती है।
Eskimo Janjati का शारीरिक गठन
- एस्किमो लोगों का चेहरा सपाट तथा चौड़ा होता है।
- बाल बड़े, भद्दे तथा काले होते हैं।
- इनका कद 150cm से लेकर 160cm तक होता है।
- इनके पलक तिरछे होते हैं।
जीव-जन्तु
एस्किमो जनजाति के निवास क्षेत्र की जलवायु अत्यंत कठोर है इस कारण यहाँ बहुत कम जीव-जन्तु पाए जाते हैं। यहाँ पाए जाने वाले जीव-जन्तुओं में श्वेत भालू, रेन्डियर, समर वाले विभिन्न पशु पाए जाते हैं। समुद्र में बर्फ की परत के नीचे कुछ मछलियां जैसे वालरस, सील, व्हेल आदि पाई जाती है। स्थलीय भागों पर आर्कटिक खरगोश और चिड़िया प्राप्त होती है, जिनसे भोजन प्राप्त होता है। जीव-जंतुओं से न केवल भोजन मिलता है बल्कि खालें व चमड़े की भी प्राप्ति होती है।
वस्त्र
ग्रीष्म ऋतु में आखेट (शिकार) से प्राप्त खाल ही एस्किमो लोगों का प्रमुख वस्त्र है। इनके वस्त्र कैरीबाऊ, रेनडियर तथा सील मछली की खाल से बने होते हैं। एस्किमों के वस्त्रों में कला का प्रदर्शन होता है, क्योंकि उनके वस्त्र अच्छी तरह से कटे हुए और शरीर की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं। उनके पहनावे की प्रमुख विशेषता यह है कि स्त्रियों तथा पुरुषों दोनों का पहनावा एक समान होता है। पुरुष बदन पर आधुनिक ऊनी जर्सी से मिलता-जुलता एक बाँहदार वस्त्र पहनते हैं जिसे 'निमियाक' कहा जाता है। यह सील तथा अन्य जानवरों की खालों को उलटकर बनाया जाता है।
भोजन
एस्किमो लोग मांसाहारी होते हैं। सारा मांस इन्हें आखेट (शिकार) से प्राप्त होता है। ये लोग कच्चा मांस खाते हैं। सील मछली, व्हेल मछली, बारहसिंगा, ध्रुवीय भालू एवं वालरस का मांस इनका प्रमुख भोजन होता है। एस्किमो लोग आखेट में बड़े निपुण होते हैं। इनका आखेट करने का मौसम के अनुसार बदलता रहता है।
आवास व परिवहन के साधन
A. शीतकालीन आवास और परिवहन
सर्दियों के प्रारंभ में एस्किमो लोग नदियों के किनारे और समुद्र तट पर एकत्रित हो जाते हैं। जहां ये अक्टूबर से अप्रैल तक रहते हैं। अपने निवास के लिए ये शीतकालीन मौसम में बर्फ का आवास बनाते हैं जिसे 'इग्लू' (Igloo) कहा जाता है, जो पूरी तरह कठोर बर्फ की शिलाओं का बना होता है। उसके अंदर के ताप को नियंत्रित करने के लिए चमड़े की चादर तान दी जाती है और उसे रस्सियों से दीवार से कस दिया जाता है। इग्लू का दरवाजा बहुत छोटा रखते हैं जिसमें ये लोग लेट कर अंदर प्रवेश करते हैं। इस प्रदेश में लकड़ी का अभाव होने के कारण केवल बर्फ व घास की पत्तियों के मकान बनाए जाते हैं। बर्फ के मकान के अंदर प्रकाश के लिए मछली की चर्बी को जलाते हैं।
बर्फ पर चलने के लिए ये लोग 'स्लेज गाड़ी' का उपयोग करते है। स्लेज गाडी व्हेल मछली की हड्डियों से बनाई जाती है। इस गाड़ी को रेन्डियर या कुत्ते खींचते हैं, क्योंकि यह गाड़ी बिना पहिए की होती है।
B. ग्रीष्मकालीन आवास
ग्रीष्मकालीन मौसम में एस्किमो द्वारा बनाये जाने वाला आवास 'ट्यूपिक' कहलाता है। यह व्हेल और सील मछलियों की खाल व चमड़े का बना होता है। यह एक तम्बू की आकृति का होता है जिसे लम्बी लकड़ियों पर रस्सियों की सहायता से खड़ा किया जाता है।
ग्रीष्म ऋतु में जल में आखेट के लिए एस्किमो लोगों के पास एक नाव होती है, जिसे 'कायक' के नाम से जाना जाता है। यह नाव व्हेल मछली की हड्डियों तथा लकड़ी के ढांचे पर सील की खाल से बनाई जाती है। इसकी लंबाई 6 मीटर तक होती है। ग्रीनलैंड के एस्किमो व्हेल मछली जैसे बड़े जीवों के शिकार के लिए एक चौड़ी नाव को काम में लेते हैं जिससे 'उमियाक' कहा जाता है।
Eskimo Janjati की अर्थव्यवस्था - Eskimo Tribe Economy in Hindi
A. शीतकालीन आखेट
सर्दियों के दिनों में केवल 'सील मछली' का शिकार किया जाता है। मछली को सांस लेने के लिए बर्फ में छिद्र बनाने पड़ते हैं। यह छिद्र बर्फ की पतली परत से छिपे रहते हैं। एस्किमो लोगों के कुत्ते इन छिद्रों को सुँघकर उनका पता लगते हैं। इन छिद्रों में एस्किमो हड्डी की एक छड़ लगा देते है और छिद्र को पहले की तरह ढँक देते हैं। जब मछली सांस लेने के लिए छिद्र के पास आती है तो छड़ी हिल जाती है और इससे शिकारी को मछली का ज्ञान हो जाता है। तब शिकारी 'हारपून' (एक प्रकार का भाला) उठाकर सील के मुंह में जोर से मारता है, जिससे भाले के आगे का भाग सील के मुंह में घुस जाता है। बाद में सावधानीपूर्वक बर्फ हटाकर सील को निकाल लिया जाता है। इस प्रकार के कार्य में शिकार के लिए काफी समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है। इस प्रकार से शिकार करने की क्रिया को 'माउपोक' (Maupok) कहते हैं। जिसका अर्थ है - "वह प्रतिक्षा करता है"।
वहीं ग्रीनलैंड के कुछ भागों में 'इतुआरपोक' (Ituarpok) ढंग से सील का शिकार किया जाता है। शिकार की इस पद्धति में बर्फ के दो छिद्र बनाए जाते हैं। एक छिद्र में एस्किमो मांस के टुकड़े डालकर सील को लालच देकर बुलाता है और उसका दूसरा साथी उसके पास जाकर मछली पर हारपून से वार करता है। सर्दियों में समस्त प्रकृति निष्क्रिय रहती है। अतः कोई अन्य जीव-जंतु दिखाई नहीं देता है। केवल सील मछली पर ही इनका जीवन आधारित होता है। ये लोग सील के शरीर के हर भाग का पूरा उपयोग करते है कोई भी भाग व्यर्थ नहीं जाता। सील के तंतुओं से सीने के लिए धागा तथा हड्डियों से स्लेज गाड़ी, उनकी चर्बी जलाने में व मांस खाने के काम आता है।
B. बसंतकालीन आखेट
मार्च के बाद दिन की लंबाई बढ़ने लगती है तथा बर्फ पिघलने से जल की नालियां बन जाती है। इस समय एस्किमो परिवार के लोग खुले जल में शिकार करने के लिए फैलने लगते हैं। खुले जल के अतिरिक्त इस समय सील मछलियां बहते हुए हिम के किनारे पर सांस लेने अथवा समीप के धरातल पर धूप खाने के लिए भी आ जाती है। वहां उनका शिकार कर लिया जाता है। बसंत के प्रारंभ में 'उतोक' ढंग से शिकार करने में सुविधा रहती है। शिकार की इस पद्धति में शिकारी बर्फ पर लेट कर सील के समूह तक खिसकता हुआ समीप पहुंच जाता है और अपने भाले द्वारा एकाएक हमला करके सील को मार देता है। जाड़ों की अपेक्षा इस समय अधिक शिकार प्राप्त किए जाते हैं।
बेसिन द्वीप तथा हडसन की खाड़ी के उत्तरी किनारों पर शिकार करने का तरीका बदल जाता है। इस समय इस क्षेत्र में व्हेल तथा वालरस बहुत बड़ी संख्या में आ जाती है। जल में इन जंतुओं को मारने के लिए फेंक कर मारे जाने वाले भालों का प्रयोग किया जाता है। इस समय परिवहन के लिए स्लेज का प्रयोग न करके खाल से बनी हुई नाव 'कयाक' का प्रयोग किया जाता है।
C. ग्रीष्मकालीन आखेट
गर्मी के मौसम में मध्यकाल तक धरातल का हिम पिघल जाता है तथा छोटी-छोटी वनस्पति उग जाती है। तब स्थलीय पशुओं का शिकार किया जाता है। इस काल में स्थल की ओर आते समय एस्किमो लोग बारहसिंगा के झुंडों की तलाश करते हैं। ये कैरिबो (अमेरिकी नस्ल का रेन्डियर) होते हैं, जो गर्मियों में उत्पन्न शैवाल, काई आदि खाते हैं। गर्मी के दिनों में एस्किमो के द्वारा साधारणतया अलग-अलग शिकार किया जाता है, परंतु कैरीबी का शिकार सामूहिक रूप से किया जाता है। कैरिबो के अतिरिक्त छोटे-छोटे शिकार भी किए जाते हैं। खरगोश, बतक, हंस तथा अन्य चिड़ियों का शिकार हल्के भले फेंक कर किया जाता है।
एस्किमो जनजाति का समाज और संस्कृति - Eskimo Tribe Society and Culture in Hindi
एस्किमो समाज के लोग अधिकतर पृथक रहते हैं। कभी-कभी दो-चार परिवार समूह सामूहिक रूप में भी रहते हैं। प्रत्येक परिवार का आखेट क्षेत्र बंटा हुआ रहता है। यह लोग मनोरंजन भी करते हैं। सर्दियों में इनके समूहों के सामूहिक नृत्य भी होते है। गर्मियों में ये फुटबॉल की तरह का खेल खेलते हैं। बच्चे कुत्तों पर सवारी करते हैं। ये लोग ताश खेलने के बहुत शौकीन होते हैं।
एस्किमो लोगों की संस्कृति बहुत पिछड़ी हुई दशा में है। ये लोग सर्दी के कारण कभी भी नहीं नहाते है। इसके समाज में एक जादूगर होता है जो बीमारी का उपचार करता है और भविष्यवाणी करता है। ये लोग देवी की पूजा करते हैं जिसे सेदना कहते हैं। इनका धर्म में विश्वास है और ये मानते हैं की सेदना का निवास समुद्र के गर्भ में है, वहीं इन जीव-जंतुओं को नियंत्रित करती है तथा उसका रुष्ट हो जाना आखेट के पशुओं की कमी हो जाना होता है।
FAQs
1. एस्किमो कौन सी जनजाति है?
2. एस्किमो के निवास क्षेत्र कौन से हैं?
3. एस्किमो जनजाति के घरों को क्या कहा जाता है?
4. एस्किमो का दूसरा नाम क्या है?
5. Inuit का अर्थ क्या है?
- कालाहारी मरुस्थल की 'सान बुशमैन' जनजाति
- कांगो बेसिन की 'पिग्मी जनजाति'
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