कालाहारी मरुस्थल की 'सान बुशमैन' जनजाति | Bushman Janjati in Hindi

Bushman Janjati (Bushman Tribe in Hindi) विश्व की प्रमुख जनजातियों में से एक है। इस लेख में Bushman Janjati के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी है। यहाँ बुशमैन जनजाति के निवास स्थान, अर्थव्यवस्था, समाज और संस्कृति आदि सभी पक्षों के बारे में पूरे विस्तार से बताया गया है। 


Bushman Janjati in Hindi

Table of Content


बुशमैन जनजाति क्या है? - Bushman Janjati in Hindi

बुशमैन, दक्षिण अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल में रहने वाली और आखेट व वनस्पति पर निर्भर जनजाति है। 


बुशमैन जनजाति का निवास क्षेत्र - Bushmen Tribe Habitat  

बुशमैन जनजाति का मुख्य अधिवास क्षेत्र कालाहारी मरुस्थल में है। किंतु यह जनजाति बसूरोलैंड, नैटाल, दक्षिण रोडेशिया, पूर्वी अफ्रीका की उच्च भूमि पर फैली हुई है। नीग्रो कृषक जातियाँ इनके क्षेत्र पर अधिकार करती गई और ये आखेटक लोग स्थानांतरित होकर सिकुड़ते-सिकुड़ते केवल कालाहारी मरुस्थल में बस गए। यूरोप की गोरी जातियों के आक्रमण से बुशमैन लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन घटती चली गई। वर्तमानकाल में उनकी संख्या 10 हजार से भी कुछ कम है। 


ये लोग मुख्यतः 18° अक्षांश से 24°  दक्षिणी अक्षांश तक बेचुआनालैंड में स्थित हैं। इस प्रदेश की औसत ऊंचाई 300 से 400 मीटर तक है और इसके पूर्व तथा पश्चिम में अधिक ऊंचे पर्वत है। 


Bushman Janjati के निवास क्षेत्र की जलवायु 

बुशमैन के प्रदेश की जलवायु उष्ण मरुस्थलीय प्रकार की है। तापमान वर्षभर प्रायः ऊँचा रहता है परंतु रात्रि ठंडी होती है। यहाँ सबसे गर्म महीना जनवरी का होता है और सबसे ठंडा महीना जुलाई। उच्चतम तापमान 44℃ से 50℃ तक रहता है जबकि औसत तापमान 35℃ रहता है। 


यहाँ वार्षिक वर्षा 50 से 85 सेंटीमीटर तक होती है। वर्षाकालीन मौसम में घास की कुछ कंटीली झाड़ियां उग जाती है। शुष्क क्षेत्र में एक प्रकार का तरबूज होता है जिससे मानव और पशु अपनी प्यास बुझाते हैं। नदियों में जल बहुत कम रहता है। खारे पानी की झीलों तथा नमकीन तालों में वर्षाकाल में जल भर जाता है। जल सूखने पर उनकी तली में नमक की पपडियां रह जाती है। उथले भागों में जल भरने के कारण अनेक प्रकार के मच्छर पैदा हो जाते हैं, जिनसे मलेरिया, पेचिस, काला ज्वर आदि रोग फैलते हैं। 


बुशमैन जनजाति के प्रजातीय लक्षण 

  • बुशमैन के सिर पर घुँघराले और गुच्छेदार बाल होते हैं। 
  • इनके शरीर का रंग हल्का भूरा तथा गहरा भूरा होता है। 
  • चेहरा चौड़ा, फूले नथुने, गाल की हड्डियां बाहर उभरी हुई, होठ मोटे तथा बाहर को लटके हुए तथा तिरछी पलकें बुशमैन के शरीर की मुख्य विशेषताएं हैं। 
  • महिलाओं के नितंब अधिक विकसित मिलते हैं जो एक प्रकार की बीमारी के घोतक है। 
  • बुशमैन की शारीरिक विशेषताएं नीग्रिटो जाति से मिलती-जुलती है। 
  • इन लोगों में पुरुष की लंबाई 5 फुट और स्त्रियों की लंबाई 4 फुट 6 इंच तक होती है। 


बुशमैन जनजाति की अर्थव्यवस्था - Bushman Tribe Economy in Hindi

Bushman Janjati का मुख्य कार्य आखेट करना है। इसी के द्वारा ही ये अपना पेट भरते हैं। ये लोग सर्वभक्षी होते हैं। वर्षाकाल के समय कुछ घास उगती है, उसे चरने के लिए जानवर आते हैं। ये उन्हें तीर-कमान, लाठियां, चाकू और बर्छियों से मार गिरा देते हैं। शिकार के इनके मुख्य पशु बकरी, हिरण और जेब्रा, जंगली भेड़ आदि होते हैं। जब इन्हें अन्य प्रकार का शिकार नहीं मिलता है तो ये शेर, जरख, भेड़ियों आदि का भी शिकार करते हैं। छोटे जंतुओं में चूहे, चमगादड़, गिलहरी आदि खा जाते हैं। 


बुशमैन लोग बहुत कुशल शिकारी होते हैं। जेब्रा और जिराफ जैसे बड़े पशुओं को मारने के लिए ये 30-40 मील तक उसका पीछा करते हुए चले जाते हैं। आखेट करने के लिए जंगली जानवरों को भगा-भगाकर घायल कर देते हैं और फिर लाठियां तथा बर्छियों से उसे मार देते हैं। 


बुशमैन स्त्रियां और बच्चे कंदमूल-फल, बेर, कीड़े-मकोड़े और छोटे जंतु जैसे मेंढक, कछुआ, छिपकली, गिरगिट आदि को एकत्रित करते हैं। बुशमैन महिलायें भोजन पकाने के लिए लकड़ियाँ, पानी भी लाती है। ये जंगली तरबूज भी लाती है, जिससे इनको पानी और भोजन दोनों चीज प्राप्त होती है। प्रत्येक परिवार को अपने भोजन-पानी का स्वयं प्रबंध करना पड़ता है। 


ये जनजाति बड़ी पेटू होती है। एक ही समय में एक बुशमैन आधी भेड़ और अन्य प्रकार की वस्तुएं खा जाता है। शिकार न मिलने पर ये लोग तीन-चार दिन तक भूख को आसानी से सहन कर लेते हैं। ये लोग छोटे कीड़ों जैसे चीटियां तथा उनकी अंडों और दीमक को बड़े चाव से खाते हैं। दीमक को बुशमैन का चावल कहा जाता है। बुशमैन अपने शरीर को जुओं तक को भी खा जाते हैं। 


ये लोग शुतुरमुर्ग की खाल पहनकर उसके निकट पहुंच जाते हैं और विष बुझे तीर से शुतुरमुर्ग को मार डालते हैं। बुशमैन भी जंगली जानवरों की बोली कुशलता से बोल कर जानवरों को भ्रमित कर देते हैं। इन लोगों में शोर मचाकर जानवरों को गड्ढे में गिराकर शिकार करने का तरीका भी प्रचलित हैं। मेंढक, सांप तथा केंचुए को मारकर ये प्रायः खा लेते हैं। जंगल में मिलने वाले पक्षियों और उनके अंडों को भी ये नहीं छोड़ते। प्रायः बुशमैन एक कुत्ते एवं एक सहायक व्यक्ति के साथ शिकार करने जाता है।


Bushman Janjati के आवास और औजार-हथियार 

बुशमैन जनजाति के लोग पक्के मकान बना कर नहीं रहते क्योंकि ये आखेटक लोग है और शिकार तथा पानी की खोज में जगह-जगह घूमते रहते हैं। मौसम की कठोरताओं से बचने के लिए यह लोग गुफाओं, कम गहरे भूमि छिद्रों तथा झोपड़ियों में रहते हैं। ये झोपड़ियां लकड़ी और पत्तों की बनी होती है। प्रायः लकड़ियों का गुम्बदनुमा ढांचा बनाकर उसे पत्तियों से अथवा खालों से ढक देते हैं और उसमें एक खुला हुआ छोटा द्वारा रखते हैं ताकि झोपड़ी में प्रवेश कर सके। 


मौसम की कठोरताओं से सुरक्षा के लिए ये गुफाओं तथा खोहों की शरण लेते हैं। जिनके ऊपर घास या चमड़े के छप्पर डाल देते हैं। गुफाओं के द्वार पर प्रायः आग जलती रहती है जिससे जंगली जानवर पास नहीं आते। जंगली जानवरों के भय से ये लोग कुत्ते की भांति गड्ढे में सोते हैं। 


झोपड़ी के अंदर शस्त्र और औजारों में तीर-कमान, फेंक कर मारा जाने वाला भाला, लाठियां, चाकू, बर्छी और भूमि खोदने की लकड़ियां होती है। जल रखने के लिए शुतुरमुर्ग के अंडों के खोल, या हिरण की खाल की थैली और लकड़ी के प्याले होते हैं। भोजन प्रायः कच्चा खाया जाता है या खुली आंच पर भून लिया जाता है। इसलिए बर्तनों की आवश्यकता नहीं होती है। 


इनके पास चमड़े, हड्डियों और स्नायुओं का भंडार होता है। हड्डी और स्नायु का प्रयोग धनुष और उसकी डोर बनाने के लिए किया जाता है। शतुरमुर्ग के पैर की हड्डियों को घिसकर नुकीला बनाया जाता है जो की तीर के अग्रभाग का काम करती हैं। धनुष की डोर के अतिरिक्त ये लोग अपने पास छड़ी चाकू और अग्निदंड रखते है। अग्निदंड को रगड़कर आग जलाने के कार्य बुशमैन लोगों के लिए सुगम होता है। 


बुशमैन जनजाति के वस्त्र और आभूषण 

बुशमैन के शरीर पर थोड़े वस्त्र होते हैं, जो खाल के बने होते हैं। दिन के समय बुशमैन पुरुष कमर में खाल का टुकड़ा बांधते हैं। स्त्रियां खाल का टुकड़ा पहनती है, जो कमर से घुटनों तक लटकता है। पैरों में खाल या छाल की चप्पल पहनते हैं। रात्रि में ठंड के समय पुरुष और स्त्रियां खालों का बना कंबल ओढ़ते हैं। स्त्रियों के वस्त्र का मुख्य भाग एक चौगा होता है, जिसे 'कारोस' कहा जाता है। यह चोगा वस्त्र एवं बिस्तर दोनों के काम आता है। इस कारोस द्वारा स्त्रियां भोजन की सामग्री और नवजात शिशु को लपेटे रहती है। बुशमैनों के कुछ दल चमड़े की टोपी और जूते भी पहनते हैं। बुशमैन महिला श्रृंगारप्रिय होती है। ये गले में मूंगे की माला तथा हाथी के दांत की माला, कानों में बालिया, हाथों में लोहे की अंगूठी तथा बालों में पक्षियों के परों को पहनती है। सुगंधित द्रव्य भी जंगली वनस्पतियों से प्राप्त कर शरीर पर लगाती है। 


Bushman Janjati का समाज व संस्कृति - Bushman Tribe Society and Culture in Hindi

  • बुशमैन लोगों की सामाजिक व्यवस्था अति साधारण व आदिमकालीन है। 
  • एक वर्ग में प्रायः 20 व्यक्तियों से भी कम होते हैं, जो परस्पर सम्बंधित होते हैं। प्रत्येक परिवार अपना-अपना डेरा अलग-अलग लगाते हैं। 
  • इनमें नेतागिरी की प्रणाली नहीं है। 
  • बुशमैन छोटे-छोटे समूहों में निवास करते हैं। एक समूह के सदस्य दूसरे समूह में नहीं रह सकते। 
  • एक समूह के शादी संबंध दूसरे समूह में ही किए जाते हैं। 
  • शादी के लिए योग्य लड़का अपने मित्र के साथ कुछ उपहार लड़की के यहां भेजता है, यदि लड़कीवालों द्वारा यह उपहार स्वीकार कर लिया जाता है तो संबंध तय समझा जाता है। 
  • ये लोग भूत-प्रेत में विश्वास करते हैं। 
  • आखेट के लिए जादू-टोने का इस्तेमाल करते हैं। 
  • इनका धर्म बहुत आदिम युग का है। 


FAQs 

1. बुशमैन जनजाति कहाँ पाई जाती है?

Ans. कालाहारी मरुस्थल में (अफ्रीका) 


2. बुशमैन जनजाति का मुख्य व्यवसाय क्या है?

Ans. आखेट और कंद-मूल-फल एकत्रित करना 


3. बुशमैन का चावल किसे कहते है?

Ans. दीमक को 


Important Links:


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.