कांगो बेसिन की 'पिग्मी जनजाति' के बारे में पूरी जानकारी | Pygmy Janjati in Hindi

इस लेख में कांगो बेसिन की पिग्मी जनजाति (Pygmy Janjati in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। Pygmy Janjati विश्व की प्रमुख जनजातियों में से एक है। इस लेख में पिग्मी जनजाति के निवास, अर्थव्यवस्था, समाज और संस्कृति के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। 


Pygmy Janjati in Hindi

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Pygmy Janjati का निवास स्थान - Pygmy Janjati in Hindi

मध्य अफ्रीका में नाटे कद के पिग्मी लोगों के निवास विभिन्न क्षेत्रों में बिखरे हुए हैं, जो विषुवत रेखा के 3 डिग्री उत्तरी अक्षांश से 3 डिग्री दक्षिणी अक्षांश के मध्य स्थित है। आवास का मुख्य क्षेत्र कांगो में इतूरी नदी का तटीय क्षेत्र, युगांडा गेबन और फ्रांसीसी भूमध्य रेखीय अफ्रीका है। 


पिग्मी लोगों के सभी निवास क्षेत्र विषुवत् रेखीय जलवायु के वनों में स्थित हैं, जहाँ जलवायु उष्ण-आर्द्र प्रकार की है।तापमान सारे वर्ष 27℃ से 30℃ के बीच रहता है। वार्षिक तापमान 3℃ से भी कम रहता है। अतः सभी महीनों में गर्मी की ऋतु रहती है। वार्षिक वर्षा 150 सेंटीमीटर से 175 सेंटीमीटर तक होती है। वर्षा हर महीने सारे साल होती ही रहती है। इसलिए यहां वायुमंडल में आर्द्रता बहुत अधिक होती है। जिसके कारण गर्मी असह्य रहती है। अधिक गर्मी और वर्षा के प्रभाव से यहां सघन वन है, जो सदापर्णी होते हैं। वृक्ष बहुत लंबे और ऊंचे होते हैं। अनेक प्रकार की लताएं वृक्षों से लिपटी रहती है। इन सघन वनों में अनेक प्रकार के जंतु रहते हैं। 


इस प्रकार के सघन वनों में नदियों के तटीय क्षेत्रों में या बेसिन में जहां-जहां उच्च भूमि है जो लगभग 300 मीटर से 450 मीटर के बीच होती है। वहां पिग्मी लोगों ने अपने निवास क्षेत्र बना लिए हैं। 


इन लोगों के कई प्रकार के वर्ग है। इन्हें हर क्षेत्र में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। मध्य कांगो के जिलों में इनको बत्वा कहते हैं। लुंग, लुलुक नदी के बेसिन में लोग इनको बाल्वा, बावोदा नदी के बेसिन में इनको बालियां कहते हैं। 


पिग्मी लोगों के शारीरिक लक्षण 

  • सभी पिग्मी लोग नाटे कद के होते हैं। 
  • इनकी नाक चपटी, होठ मोटे तथा बाहर की ओर उभरे हुए और सिर पर बाल लच्छेदार गुच्छों में होते हैं। 
  • सभी प्रदेशों के पिग्मी लोगों में अफ्रीकन नैगरिल्लो सबसे ज्यादा छोटे कद के होते हैं। उनकी औसत ऊंचाई डेढ़ मीटर होती है और बहुत से व्यक्ति एक मीटर ऊंचे भी होते हैं। 


 Pygmy Janjati का भोजन 

पिग्मी लोग न तो कृषि करते है और न ही पशुपालन करते हैं क्योंकि ये लोग सघन वनों के अंदर निवास करते हैं। जिसके कारण उन्हें यह सुविधा नहीं मिल पाती है। ये जंगली जंतुओं का शिकार तथा नदियों से मछलियां पकड़ कर अपना पेट पालते हैं। 


आखेट करने में ये इतने दक्ष होते हैं कि बड़े से बड़े हाथियों का आसानी से मिलकर शिकार कर लेते हैं। ये जंगलों से प्राप्त फल, कंदमूल, केले आदि खाकर अपने जीवन चला लेते हैं। ये बड़े जंतुओं के अतिरिक्त छोटे-मोटे जंगली जंतुओं जैसे मधुमक्खी,दीमक, कीड़े-मकोड़े आदि को भी खाते है। कभी-कभी ये अपने पड़ोसी राज्यों में जाकर अनाज भी लेते हैं और उसके बदले मांस की बोटियां, शहद आदि रख आते हैं, इस प्रकार के व्यापार को 'मौन व्यापार' कहते है। 


पिग्मियों की अर्थव्यवस्था - Pygmy Tribe Economy in Hindi 

पिग्मी लोग पशुपालन व कृषि नहीं करते है, केवल आखेट का कार्य करते है क्योंकि इसके लिए सघन वनों में उचित व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण इन लोगों की अर्थव्यवस्था का प्रधान कार्य 'आखेट' (शिकार) है। ये लोग बड़े-बड़े जंतुओं का जैसे हाथी, गैंडा आदि का शिकार करते हैं। ये शिकार के लिए विषैले तीरों को प्रयोग में लेते हैं। इनकी स्त्रियां और बच्चे छोटे कीड़े-मकोड़े, दीमक, चींटी, मधुमक्खी आदि को पकड़ते हैं, जिन्हें ये भूनकर बड़े ही चाव से खाते हैं। नदियों के किनारे ये लोग मछली पकड़ते हैं। 


आखेट के अलावा ये केले, कंदमूल-फल आदि का सेवन भी करते हैं और पड़ोसी राज्यों से खाद्य सामाग्री का विनिमय भी करते हैं। इनका आर्थिक जीवन एक साधारण जीवन है। ये लोग केवल आखेट के द्वारा ही अपना भोजन प्राप्त करते हैं। 


पिग्मियों के आवास 

पिग्मी लोगों को आखेट की खोज में तथा मछली और जंगली खाद्य पदार्थों की खोज में घूमते-फिरते रहना पड़ता है, इसलिए वे कोई स्थायी गांव बसा कर नहीं रह सकते। ये लोग आदिम प्रकार की झोपड़ियों में निवास करते हैं। इन झोपड़ियों की आकृति मधुमक्खी के छत्ते के समान होती है। झोपड़ी के अंदर खाना बनाने के कुछ मिट्टी के बर्तन व पानी भरने के लिए तुम्बी, तीर-कमान और एक खाट होती है। 


 Pygmy Janjati की वेशभूषा 

पिग्मी लोगों को वस्त्रों की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि जलवायु गर्म और आर्द्र है। अतः ये लोग कमर के सामने कुछ पत्ते अथवा छाल लटका लेते हैं अथवा 1 गज कपड़ा बांध लेते हैं। पुरुषों के गले में बांस की बनी सीटी लटकी होती है जो शिकार के समय एक-दूसरे को संकेत देने के काम आती है। 


पिग्मी समाज - Pygmy Society 

ये लोग भूत-प्रेत में विश्वास करते हैं। इनकी सामाजिक दशा बिल्कुल अविकसित है। जो सफल और बढ़िया आखेटक होता है उसे ही बस्ती का मुखिया मान लिया जाता है। 


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