संसाधन भूगोल के इस लेख में हम 'Chawal Ki Kheti' (Rice Farming in Hindi) के बारे में विस्तारपूर्वक जानेंगे। इस लेख में Chawal Ki Kheti के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाओं अर्थात चावल की खेती के लिए कैसी जलवायु, तापमान, वर्षा, मृदा आदि उपयुक्त होती है और विश्व में चावल वितरण प्रारूप के बारे में जानकारी प्रदान की गई है।
Chawal Ki Kheti के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ
चावल आर्द्र उपोष्ण तथा उष्ण जलवायु का पौधा है। अतः इसके लिए काफी ताप और आर्द्रता की आवश्यकता होती है। इसलिए विश्व के आर्द्र देशों में इसका उत्पादन सर्वाधिक होता है। चावल की खेती के लिए निम्नलिखित भौगोलिक दशाएँ उपयुक्त होती हैं -
1. वर्षा
चावल के लिए प्रायः 100 से 160 cm तक वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई के बिना इसकी कृषि संभव है। यदि उत्पादन काल में पर्याप्त वर्षा हो, दो-ढाई महीनों तक यदि खेत में पौधे की जड़ के 10-15 cm ऊपर तक ताजा पानी का धीमा स्राव होता रहे तो पौधों का तेजी से विकास होता है। पौधों के बढ़ते समय देर तक रिमझिम वर्षा अधिक उपयोगी होती है। वर्षा पर्याप्त न होने पर सिंचाई की आवश्यकता होती है।
2. तापमान
बीज बोते समय औसत तापमान 20℃ से 21℃, प्राथमिक विकास के समय 23℃ से 24℃ तापमान की आवश्यकता होती है। यद्यपि देर तक रिमझिम वर्षा अच्छी होती है, खुला आकाश और मंद वायु एवं कम अपेक्षित वर्षा वाले क्षेत्रों में प्रति हेक्टेयर उपज अच्छी होती है। 30° उत्तर व दक्षिण अक्षांशों के मध्य स्थित प्रदेशों में पर्याप्त जल उपलब्ध होने के कारण वर्ष भर चावल पैदा होता है। लेकिन इसके बाद यह ग्रीष्म ऋतु का पौधा हो जाता है। क्योंकि 21℃ से कम तापमान पर चावल नहीं उग सकता है। अतः गर्म-शीतोष्ण प्रदेशों में चावल चार-पांच महीनों से अधिक नहीं उग सकता है।
3. मृदा
Chawal Ki Kheti में अधिक जल की आवश्यकता होती है। लंबी अवधि तक जल रोके रखने के लिए चावल के लिए काँप और दोमट मिट्टी उपयोगी होती है। चावल के लिए उपयुक्त मिट्टी में महीन शिल्ट व चीका 80-90% तक पाई जाती है।
4. मानवीय तत्व
विश्व के कुछ भागों में चावल के लिए ट्रैक्टरों से खेत बनाए जाते हैं। चावल की कृषि के लिए निरंतर मानव श्रम व सावधानी की आवश्यकता पड़ती है। चावल की खेती में बीज की तैयारी, रोपाई, निराई, कटाई इत्यादि के लिए निरंतर मानव व पशु श्रम आवश्यक होता है। अतः इसकी फसल के लिए सस्ते श्रम की आवश्यकता होती है।
चावल के प्रकार - Types of Rice
धरातल और मिट्टी के आधार पर चावल दो प्रकार का होता है -
- मैदानी चावल
- पहाड़ी चावल
मैदानी चावल की कृषि समतल भूमि पर होती है, जहां जल को पूरे खेत में आवश्यकता के अनुसार रोका जा सके और फिर उसे बहाकर ताजा जल भरा जा सके। प्रायः ऐसे क्षेत्र में 150 से 190 दिनों तक में पैदा होने वाला चावल उगाया जाता है। यदि 90-100 दिनों में पकने वाली किस्म भी सीमित जल प्राप्यता वाले क्षेत्रों में उगाई जाती है। मैदानी चावल का प्रमुख क्षेत्र नदियों में डेल्टाई एवं बाढ़ क्षेत्र, जहां नई शिल्ट प्रत्येक बाढ़ के साथ जमा हो जाती है तथा समुद्र तटीय भागों में होता है। मानसूनी क्षेत्र में सीढ़ीदार खेत बनाकर पहाड़ी चावल उगाया जाता है।
चावल का विश्व में वितरण प्रतिरूप
1. चीन
चीन विश्व का सर्वाधिक चावल उत्पादित करने वाला देश है। यहां विश्व का लगभग 30% चावल का उत्पादन होता है। दक्षिणी और मध्य दक्षिणी चीन चावल के प्रमुख क्षेत्र है। यांग्टिसिक्यांग एवं सिक्यांग नदियों की घाटियों तथा डेल्टाओं और सहायक नदियों की घटियों विशेषकर जेचवान प्रदेश में कुल कृषि भूमि के 80-90% भाग पर चावल उगाया जाता है।
2. भारत
भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक चावल उत्पादित करने वाला देश है। यह विश्व के कुल 28.7% चावल क्षेत्र पर मात्र 21.2% चावल उत्पादित करता है। यहां चावल की सर्वाधिक कृषि मध्य गंगा के मैदान और डेल्टा, गोदावरी एवं सहायक नदियों की घाटियों और ब्रह्मपुत्र की घाटी, कृष्णा, कावेरी व दक्षिण भारत की नदियों के डेल्टाई भागों तथा समुद्र तटीय भागों में होती है। हिमालय की कुछ घाटियों में भी चावल का उत्पादन किया जाता है।
3. इंडोनेशिया
चावल उत्पादन का तीसरा वृहत्तम देश इंडोनेशिया है। यहां विश्व के कुल चावल उत्पादन क्षेत्र के 7.61 प्रतिशत भाग पर 9.6 प्रतिशत भाग उत्पादित होता है। जावा में चावल की अत्यंत गहन कृषि होती है। जावा, सुमात्रा, सेलिबीज, तिमोर इत्यादि क्षेत्रों में चावल ही प्रमुख फसल है। न्यूगिनी, बोर्नियो और सुमात्रा के टापूओं पर जंगलों को काटकर चावल उत्पादित किया जाता है।
4. बांग्लादेश
विश्व का चौथा वृहत्तम चावल उत्पादक देश है। यहां अधिकांश चावल पद्मा (गंगा) के डेल्टाई भाग में उगाया जाता है। उपजाऊ मिट्टी तथा घनी आबादी के कारण चावल की फसल अच्छी पैदा होती है।
5. वियतनाम
विश्व का पाँचवाँ बड़ा चावल उत्पादक देश है। यहां के अधिकांश निवासी क्रमशः रेड नदी व मैकांग नदी के डेल्टाई भागों में निवास करते हैं, जहां अधिकांश भूमि पर चावल उगाया जाता है।
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